Fast delivery within 72 Hours

Valmiki Ramayan

Original price was: ₹550.00.Current price is: ₹510.00.

Shipping & Delivery

  • India Post delivery

Our courier will deliver to the specified address

2-3 Days

From Rs 60

  • Delhivery Courier delivery

Delhivery courier will deliver to the specified address

2-3 Days

From Rs 90

  • Warranty 1 year
  • Free 30-Day returns

Specification

Overview

Writer

paramhans swami

Publisher

vijaykumar govindram hansanand

Processor

Writer

paramhans swami

Publisher

vijaykumar govindram hansanand

Display

Writer

paramhans swami

Publisher

vijaykumar govindram hansanand

RAM

Writer

paramhans swami

Publisher

vijaykumar govindram hansanand

Storage

Writer

paramhans swami

Publisher

vijaykumar govindram hansanand

Video Card

Writer

paramhans swami

Publisher

vijaykumar govindram hansanand

Connectivity

Writer

paramhans swami

Publisher

vijaykumar govindram hansanand

Features

Writer

paramhans swami

Publisher

vijaykumar govindram hansanand

Battery

Writer

paramhans swami

Publisher

vijaykumar govindram hansanand

General

Writer

paramhans swami

Publisher

vijaykumar govindram hansanand

Description

ग्रन्थ का नाम – वाल्मीकि रामायण

अनुवादक – स्वामी जगदीश्वरानन्द सरस्वती जी

संसार की विभिन्न भाषाओं में जो उच्चकोटि के महाकाव्य हैं उनमें महर्षि वाल्मीकि प्रणीत रामायण का स्थान सर्वोच्च है। वाल्मीकि रामायण में जिस आस्तिकता, धार्मिकता, प्रभुभक्ति, उदात्त एवं दिव्य भावनाओं और उच्च नैतिक आदर्शों का वर्णन मिलता है, वह अन्यत्र दुर्लभ है।

यह प्राचीन आर्य सभ्यता और संस्कृति का दर्पण है। इसमें श्रीराम के एक आदर्श मित्र, आदर्श भाई, आदर्श पति और आदर्श सम्राट के रूप में दर्शन होते है तथा लक्ष्मण, भरत के आदर्श भ्राता के रूप में दर्शन होते है। श्रीराम की सत्यवादिता, न्यायवादिता और मातृ-पितृ भक्ति की सर्वोच्च पराकाष्ठा रामायण में प्राप्त होती है। यह सम्पूर्ण रचना अनुष्टुप् छन्दों में है।

रामायण में समय-समय पर अनेकों प्रक्षेप हुए है, जिससे इस ऐतिहासिक ग्रन्थ में अनेकों असम्भव, अश्लील, अनैतिहासिक घटनाओं का समावेश हो गया। प्रस्तुत संस्करण स्वामी जगदीश्वरानन्द जी द्वारा रचित है। स्वामी जी ने कठिन परिश्रम और अध्ययन द्वारा वाल्मीकि रामायण के प्रक्षिप्त श्लोकों को पृथक कर, प्रस्तुत संस्करण प्रकाशित करवाया है। यह संस्करण 6 काण्डों और 6000 श्लोकों सें पूर्ण है। प्रस्तुत संस्करण के द्वारा निम्न तथ्य उजागर होंगे –

इसमें सभी अश्लील, असम्भव घटनाओं को पृथक् कर दिया गया है।
पूर्व और पश्च प्रकरणों का पूर्णत सामञ्जस्य हैं।
इसमें उत्तराकांड को सम्मलित नही किया गया है।
यह संस्करण 6 काण्ड और 6000 श्लोकों में पूर्ण किया गया है।
यह संस्करण सैकडों टिप्पणियों से समलङ्कृत है।
ग्रन्थ के पूर्व में विस्तृत भूमिका है जिसमें अनेकों शंकाओं का समाधान दिया गया है तथा रामायण की ऐतिहासिकता को सिद्ध किया गया है।
यथा-स्थान रंगीन चित्रों का भी समावेश किया गया है।
अन्य रामायणों के सुन्दर और मार्मिक स्थलों को पादटिप्पणियों में दे दिया है।

वैदिक संस्कृति का प्राचीन गौरवमयी इतिहास के दर्शन होंगे।
मर्यादा पुरुषोत्तम राम के जीवन संघर्ष की झाँकी प्राप्त होगी।
प्राचीन राज्यव्यवस्था के स्वरूप का ज्ञान प्राप्त होगा।
रामायण के सम्बन्ध में प्रचलित भ्रान्त धारणाओं का समाधान होगा।
भ्रातृ-प्रेम, नारी-गौरव, आदर्श-सेवक, आदर्श-मित्र आदर्श राज्य, आदर्श पुत्र के स्वरूपों का अवलोकन सुगम होगा।

यह संस्करण सभी पाठकों के लिए अत्यन्त लाभकारी और स्वाध्याय की दृष्टि से बहुत महत्त्वपूर्ण है।

Customer Reviews

0 reviews
0
0
0
0
0

There are no reviews yet.

Be the first to review “Valmiki Ramayan”

Your email address will not be published. Required fields are marked *